उम्र का चौथा पहर
उम्र का यह दौर चौथा, और साथी बढ रहा हूँ, साथ है जब तुम्हारा, मुश्किलों से लड रहा हूँ। साथ
Read Moreउम्र का यह दौर चौथा, और साथी बढ रहा हूँ, साथ है जब तुम्हारा, मुश्किलों से लड रहा हूँ। साथ
Read Moreराम मन्दिर बन गया तो जल गये, धर्मनिरपेक्षता पर चाल चल गये। कहते हैं जाओ मस्जिद बच्चों संग, हिन्दुत्व की
Read Moreलिखना है तो रामायण का सार लिखो मर्यादा हुई तार-तार, उपचार लिखो, लिखना है तो मानवता की बात लिखो किया
Read Moreआततायीयों के सीने पर, साँप लोटने लगे, राम के काज सब, निर्विघ्न पूरे होने लगे। राम का अस्तित्व नही, जो
Read Moreबदलेगा नव वर्ष नया संवत आयेगा, कुदरत में भी रंग नया दिख जायेगा। चहकें चिड़िया और परिन्दे नीलगगन, कली- कली
Read Moreविचारों को बिना क़िसी डर भय या लाग- लपेट के प्रकट करना ही अभिव्यक्ति हो सकता है। अभिव्यक्ति के प्रकटीकरण
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