अमानत
तुम कल्पना हो या सच तुम्हारे प्रति आये पवित्र ख्यालों से मेरा मन हो जाता है निरमल और स्वच्छ
Read Moreमेरा ह्रदय मौन का घर है ख़ामोशी की ईटों से बनी है इसकी दीवार मेरी तन्हाई रहती है यहाँ
Read Moreयूँ तो तुम्हारे और मेरे दरमियान बहुत है फर्क तुम सब्ज : जमीं हो बादलों से घिरा मैं हूँ फ़लक
Read Moreतुम्हारे अकेलेपन के आकाश में अक्षर ,सितारों की तरह जगमगाते होंगे तुम्हारे अकेलेपन के वन में शब्द के बीज
Read Moreजैसा मैं बाहर से दिखाई देता हूँ वह तो इस संसार के रंगमंच पर मेरा है अभिनय मेरे वास्तविक
Read Moreतुम केंद्र बिंदु हो मैं हूँ हिसार मैं एक कोरा पन्ना हूँ तुम हो पूरी किताब तुम नींव हो मैं हूँ दीवार मैं
Read Moreपीले पुष्पों की हुई है बरसात घना है कोहरे का बाहुपाश दूबों के सर के ओस कण बने हैं
Read Moreतेरे इश्क़ में हसरत ए परवाज अभी बाकी है गमे हिज्र में हूँ ,वस्ल का आगाज़ अभी बाकी है
Read Moreतेरे पास तो मुहब्बत बेपनाह है मेरे लिए तेरा सुन्दर चेहरा जैसे माह है मेरे लिए इश्क़ कुर्बत नहीं
Read Moreस्मृति के पन्नों पर जब मैं पढ़ता हूँ अपना अतीत एक सपने की तरह वह होता है मुझे प्रतीत
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