नूतन गीत
तुम्हारे रखते ही कदम उपवन की उदास कलियाँ गयी खिल पत्तियों की नोकों पर अटकी हुई बूंदें गयी गिर
Read Moreवृक्षों तले छाँव भी रह रहे किराये से, लगने लगे हैं शहर में लोग कुछ ज्यादा ही पराये से
Read Moreपुल से तुम्हारे घर तक पहुंची ..सड़क पर मैं कभी नही चला हूँ पुल तक आकर … लौटते हुए मै …
Read Moreतुम्हारे चेहेरे का प्रतिबिम्ब सपनों की नदी में बहते हुए मेरे सपनों के तट तक पहुंचता हैं उस चेहेरे कों मैं
Read Moreमैं एक किताब हूँ तुम अपनी नरम उँगलियों से मेरे पन्नें पलटते हो किसी पृष्ठ के कोने को मोड़ देते हो
Read Moreमैंने उससे पूछा तुम्हारे जीवन में नहीं ,लेकिन क्या तुम्हारे सपनो में आ सकता हूँ उसने कहा -नहीं तुम्हारे घर
Read Moreतुम मुझे विस्मृत करने की कोशिश में हो सरापा भींगें हुए मेरी यादों की बारिश में हो छोड़कर इस
Read Moreरेत के पन्नों पर एक गीत लिखने लगी है चांदनी स्निग्ध किरणों का स्पर्श पा हर नदी लगने लगी
Read Moreपसंद मुझे तेरी तस्वीर ,तुझे मेरी तहरीर आ गए आते आते इतने करीब हमारी रूहों के शरीर आ गए
Read Moreजुनूने इश्क़ में गुफ्तगू सख्त मना है हर्फ़े सुकूत को बस पढ़ना समझना है रूपोश हो भी तो हम
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