क्षणिकायें..
क्षणिकायें.. १- कौन सोचता है तेरे प्यार में जीने लगा हूँ जान देने की कौन सोचता है तेरे प्यार की
Read Moreक्षणिकायें.. १- कौन सोचता है तेरे प्यार में जीने लगा हूँ जान देने की कौन सोचता है तेरे प्यार की
Read Moreमुझे मिल गयी तेरी रफ़ाक़त अच्छा है मुझे मिल गयी तेरी मुहब्बत अच्छा है मुझे भी सभी लोग बुतपरस्त
Read Moreबहते समय की एक नदी का बन संगीत लिये अपने पगों मे वन मयूरी का नृत्य उस छोर पर खड़ी
Read Moreलोगों के डर से मुझ से तुम चले, दूर जाते हो पास आने के लिए फिर हो,मजबूर जाते हो
Read Moreआते आते मुझसे दूर चले जाते हो रह रह कर मुझे क्यों तरसाते हो मैं तुझ पर मर मिटा दीवाना
Read More1-क्या तुम…. क्या तुम मृगतृष्णा हो या माया हो या आईने के भीतर की कभी न पकड़ आनेवाली छाया हो
Read Moreमैं तो सिर्फ किताब का एक पन्ना हूँ जिसे तुमने चुपके से फाड़कर अपने पास रख लिया है जब
Read Moreतेरा मैं इंतज़ार करता रहता हूँ असहनीय दर्द सहता रहता हूँ मेरा मन लगता नहीं कहीं भी बस तुझे
Read Moreतेरे और मेरे बीच क्या है नाता न तुम्हें पता न मुझे पता तुम नन्ही चिड़िया सी हो तुम्हारी
Read More