अविरल
अविरल जल प्रपात सा निरंतर झरते रहना मेरे सूने मन में अविरल गूंजते रहना कॅटिली झाड़ियों से होकर गुजरु जब
Read More“क्या तुम भी मुझसे …..” तुम्हारे ख्यालों तक मेरे ख्याल .. तुम्हारे सपनों तक मेरे स्वप्न .. तुम्हारी खामोशी तक
Read Moreमौसम भी है खामोश पंखुरियों के अंक में हैं नन्ही नन्ही ओस भींगा भींगा सा .. मौसम भी हैं खामोश
Read More‘तुमसे प्यार करता हूँ “रोज रोज यह कहने से क्या फ़ायदा मेरे मौन को समझती हो तुम मेरे शब्दो से ज़्यादा पर मन कहता हैं
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