कंठस्थ
तुम मेरा वह चश्मा हो जिसके बिना मैं देख नहीं सकता तुम मेरी वह कलम हो जिसके बिना मैं लिख
Read Moreमैंने किया था तुम्हें फोन मगर तुमने सुना नहीं अपने ख्यालों में मुझे तुमने आज बुना नहीं तुझे भेजा
Read Moreमुझे …. मेरी डायरी ने याद किया होगा उस कोरे पन्ने ने भी जिस पर मै संभवत: एक कविता
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