गजल
उम्र दर उम्र यूं रह – नुमाई करो | उम्र दर उम्र से आशनाई करो | उम्र दर उम्र का
Read Moreजान लेंगी मेरी आज ये हिचकियां याद आती रही वस्ल की मस्तियां रास आने लगी जब से तन्हाइयां फुसफुसाती रही
Read Moreजहां में चाहे गम हो या खुशी क्या मेरे मा – बैन रंजिश दोस्ती क्या खुदा मुझको यकीं खुद पे
Read Moreगजल : कुमार अरविन्द नहीं तकदीर में जो मेरे क्यों फिर जुस्तजू करते | मेरी किस्मत में क्या है वो
Read Moreगजल : कुमार अरविन्द मुहब्बत की गली कूचों में क्या है | इधर देखो मेरी आँखों में क्या है |
Read Moreगजल : कुमार अरविन्द चले आओ मेरी आंखों का पानी देखते जाओ | कहानी है तुम्हारी ही , निशानी देखते
Read Moreगजल : कुमार अरविन्द गैर के जख्मो को हर रोज सुखाते रहिये | अपने किरदार का किरदार निभाते रहिये |
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