लघु कथा – पुत्र मोह की ज्वाला
“रामदीन जी, क्या हो रहा है |” कुछ नहीं कृष्ण दास जी, लड़के को कंपनी दोगुना पॅकेज का आँफर देकर
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Read Moreपैसे लेकर बेचते, जो भी अपना वोट, जरा स्वार्थ में दे रहे, लोकतंत्र को चोट | अपराधी को वोट दे,
Read Moreपढ़ती बाला आस जगाती, भावी कल इनका होगा सैनिक अपने पहरा देते, मान इन्हें देना होगा | कही क्रोध है
Read More(1) पाखण्डी पाखण्ड का, रखे न कोई लेख सट्टे के बाजार में, लेखा जोखा देख । लेखा जोखा देख, लुटे
Read More(1) वृन्दावन अरु अवध में, ऐसे संत विरक्त, उनके चरण सरोज रज, मस्तक धारे भक्त | मस्तक धारे भक्त, भेद
Read Moreसावन की बौछार में, भीगा है संसार सखियाँ झूला झूलती,सुने मेघ मल्हार | सजधज सखियाँ आ रही,कर सोलह शृंगार, सावन
Read Moreप्रेम पूर्ण व्यवहार से, बढ़ता प्यार अपार, मधुर वचन से आदमी, जीत सके संसार | शब्दों के क्या अर्थ हैं,
Read Moreकूद रहा हूँ , गिर न पडूँ मैं , मुझे पकड़ना पापाजी ऊपर से मैं कूद रहा हूँ मुझे
Read More(1) मंगलमय हो आपका, आया फिर नव वर्ष अच्छे दिन आये तभी, जीवन में उत्कर्ष | जीवन में उत्कर्ष, कर्म यदि
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