कुण्डलिया छंद
(1) मंगलमय हो आपका, आया फिर नव वर्ष अच्छे दिन आये तभी, जीवन में उत्कर्ष | जीवन में उत्कर्ष, कर्म यदि
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Read More(1) गंगा मात्र नदी नहीं, समझे इसका सार गंगा माँ को मानते जीवन का आधार | जीवन का आधार, इसी
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