अद्भुत प्रेम
प्रेम का मधुर अहसास मेरे जिस्म के रोम छिद्र तक महसूस हो रही थी जब उसकी गुदगुदाती अंगुलियों के स्पर्श
Read Moreप्रेम का मधुर अहसास मेरे जिस्म के रोम छिद्र तक महसूस हो रही थी जब उसकी गुदगुदाती अंगुलियों के स्पर्श
Read Moreमैं लिखते- लिखते रोई बहुतउनके शहादत के गीतबार बार दोहराती हूँमोम बत्तियां जबशोक में डूबी थीतब चिराग तलेअंधेरा छाया थाहंसते-हंसते
Read Moreमाँ शक्ति दे मुझे भक्ति दे।जीवन ज्योत की हस्ती दे।तेरे चरणों की फूल बनूँ।दे आशीष दिव्य ज्योत बनूँ ।स्वर्ण सा
Read More