गजल
क्या बची है जमाने में वफा कोई है इस दर्द-ए- दिल की दवा कोई मिलता है जो अपना सा लगता
Read Moreरह गए रीते संबंध सभी वो पहले सा आभास कहाँ अपनत्व लिए संबंध नहीं वो स्नेह भरा मधुमास कहाँ।। रहते
Read Moreआज गीता एक बार फिर गर्भाव्स्था की असहनीय पीडा से तडप रही थी कराह रही थी, वहीं उसके दर्द को
Read Moreमाया तेज कदमों से चलकर रास्ता तय कर रही थी, मन में विचारों की उथल-पुथल का आना जाना जारी था।
Read Moreलोकतंत्र मुँह है ताक रहा, देकर समानता का अधिकार इनका बल है बस बोल रहा, ये जो हैं धर्म के
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