सफलता का छिड़े तराना
विघ्नों का पर्वत भी उखड़े,संघर्षों का ग्लेशियर पिघले,हाथ-से-हाथ मिलकर चलना,सागर जीत के मोती उगले।किसी से प्रतिस्पर्धा क्यों करना,किसी को पीछे
Read Moreविघ्नों का पर्वत भी उखड़े,संघर्षों का ग्लेशियर पिघले,हाथ-से-हाथ मिलकर चलना,सागर जीत के मोती उगले।किसी से प्रतिस्पर्धा क्यों करना,किसी को पीछे
Read Moreअत्यंत शोकग्रस्त होते हुए भी तीन दिन से वह पंछियों का पानी बदलकर दाना डालती, पर दाना-पानी वैसे का वैसा
Read Moreउगता सूरज सबको भाता,लगता उसका ओज ललाम,अस्ताचलगामी जब होता दिनकर,ढलते को भी करें प्रणाम। ढलता सूरज अनुभव की आभा,लालिमा लिए
Read Moreदिल तो एक बच्चा है जी,उसे बच्चा ही रहने तो दो,अवसंजन से मुक्ति मिलेगी,तनिक उसे बहलने तो दो! अनुभव ग़लत
Read Moreक्या हैं हम और क्यों हैं?क्यों नहीं जान ये पाते हैं,खुद से मुलाकात न कर,अहम-वहम में क्यों खो जाते हैं!
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