चाहत
— लीला तिवानी
Read Moreआज सुकेश की ममी स्नेहा का रुतबा ही कुछ और है. उनकी कविताओं की पहली किताब छपकर आई है. किताब
Read Moreखुद पर कर ले तू विश्वास,क्यों करना औरों से आस!अपना हाथ है जगन्नाथ,आशा से बढ़ती है प्यास। खोद ले अपना
Read Moreमैं सागर की नाव पुरानी,है मेरी अनबूझ कहानी,तूफानों से टकरा न पाती,संभालो मुझे हे राम-वरदानी। केवट बनकर आना प्रभु,नैय्या पार
Read Moreबुजुर्गों की सीख कितनी लाभदायक होती है, शायद हम में से हर एक जानता होगा! जन्मते ही माता-पिता, बड़े भाई-बहिन
Read Moreमहाकुम्भ में मोनालिसा की,महकती-सी मुस्कान,चंदन-रुद्राक्ष-मोती माला बेचती,बड़ी अनोखी शान। खूबसूरत ग्रीवा वाली,लहराते हुए बड़े-बड़े झुमके,हिरनी-सी आंखों वाली,तनिक नहीं शर्माती,बात करते
Read Moreमन की पतंग ऊंची उड़ना चाहे,जिधर चाहे उधर ही मुड़ना चाहे,देखो तो मगर पतंगकीउड़ान,अपनों से ही हरदम जुड़ना चाहे!अपने तो
Read Moreपतंगकी उड़ान देख,पतंग-सी उड़ने की चाह,कैसे उड़ सके मगर वह,मिल न सके कोई राह!बेटा होती तो कोई बाधा नहीं,उसकी तो
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