ये नीर नहीं है, आंसू हैं
ये नीर नहीं है, आंसू हैं, जो इन आंखों से बहते हैं, क्या वही पुराने लोग हैं जो, सदियों से
Read Moreये नीर नहीं है, आंसू हैं, जो इन आंखों से बहते हैं, क्या वही पुराने लोग हैं जो, सदियों से
Read Moreसैर करते हुए मैं जैसे ही दाहिनी ओर मुड़ी सहसा प्रकृति का परिदृश्य परिवर्तित हो गया दाहिनी ओर से लालिमा
Read Moreकुछ समय पहले हमने 17 चित्रमय-काव्यमय कहानियां लिखी थीं. संपादक महोदय विजय भाई तथा कुछ अन्य पाठकों ने इसे ई.बुक
Read Moreप्रिय बच्चो, उपहार मुबारक हो, कविता लिखना सीखने के इस क्रम में हम आपको केवल कविता ही नहीं, कहानियों के
Read Moreहै नदी न अपना जल पीती, केवल औरों के हित जीती, है प्यास बुझाती सब जग की, फिर भी न
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) ‘क’ कबूतर पक्षी प्यारा, गुटरु-गूं से लगता न्यारा. ‘ख’ खरगोश सफेद रुई-सा, छूने से
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) माता मेरी सबसे प्यारी, सारे जग से है वह न्यारी, दुनिया में प्यारी मां
Read More(बाल काव्य सुमन संग्रह से) चौराहे की बत्तियां तीन, गुण भी इनके गिन लो तीन, अलग-अलग रंगों वाली ये, देती
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