भारी पलड़ा
बहुत ही सुंदर और सीधी लड़की अंशी की शादी हो रही थी. वह दुल्हन बन कर स्टेज पर आ रही
Read Moreपेड़ों की ठंडी छांव में ज़रा बैठकर तो देखो, कित्ते बरस में पेड़ इतने ऊंचे-घने हो पाए, कैसे हो पाए
Read Moreबिल्ली मौसी झुंड में रहती, यों तो कहती नहीं मैं डरती, कहो आज क्या खास हुआ है, शायद चूहा पास
Read Moreथोड़ी-सी लापरवाही कर जाती है तबाही समय रहते अन्याय का प्रतिकार न किया तो देते रहो ताउम्र दुहाई कभी जज
Read Moreहमारे अल्फाज , आपके जज्बात मंच पर विजेता कविता करुण क्रंदन सुन तरुवर का, धरती मां कर रही पुकार, इनकी
Read Moreसाहित्यिक मंच “हिंदी साहित्य दर्पण” पर विजेता कविता मैं हूं इसकी लाड़ली बिटिया, सदा रखूंगी इसका मान, बड़ी शान से
Read Moreसाहित्यिक मंच “हिंदी साहित्य दर्पण” पर विजेता कविता परवरिश का कमाल देखा, दो जुड़वा भाइयों में से एक चोर एक
Read Moreजिंदगी जिंदगी को सलीके से जीना है, तो मत रखो मन में मलाल, बजने दो आनंद के बाजों को, नाचो
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