आस (लघुकथा)
शारदा के बेटा होने की खबर स्कूल पहुंची, तो पूरे स्टॉफ का खुश होना लाजिमी था. ”मुझे पता था, कि
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Read Moreप्रेम मन की आशा है, करता दूर निराशा है, चन्द शब्दों में कहें तो, प्रेम जीवन की परिभाषा है. प्रेम
Read Moreहै प्रेम से जग प्यारा, सुंदर है सुहाना है जिस ओर नज़र जाए, बस प्रेम-तराना है- बादल का सागर से,
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Read Moreआखिरकार मन्नू और मधुमति मिल ही गए! कितना अर्सा बीत गया! ”14 साल क्या कम होते हैं? सीता-राम भी तो
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