गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 22/02/202522/02/2025 0 Comments ग़ज़ल उसे हम बोल क्या बोलें जो दिल को दर्द दे जायेसुकूं दे चैन दे दिल को , उसी को बोल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 22/02/202522/02/2025 0 Comments ग़ज़ल जिसे चाहा उसे छीना , जो पाया है सहेजा हैउम्र बीती है लेने में ,मगर फिर शून्यता क्यों हैं सभी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 25/01/202525/01/2025 ग़ज़ल प्यार के गीत जब गुनगुनाओगे तुम ,उस पल खार से प्यार पाओगे तुमप्यार दौलत से मिलता नहीं है कभी ,प्यार Read More
मुक्तक/दोहा *मदन मोहन सक्सेना 16/12/202416/12/2024 मुक्तक उसे हम बोल क्या बोलें जो दिल को दर्द दे जायेसुकूं दे चैन दे दिल को , उसी को बोल Read More
गीत/नवगीत *मदन मोहन सक्सेना 15/12/202415/12/2024 नदारद आया दौर फ्लैट कल्चर का, देहरी, आंगन, धूप नदारद।हर छत पर पानी की टंकी, ताल, तलैया, कूप नदारद।।लाज-शरम चंपत आंखों Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 11/12/202411/12/2024 कल की बात है उनको तो हमसे प्यार है ये कल की बात हैकायम ये ऐतबार था ये कल की बात है जब से Read More
मुक्तक/दोहा *मदन मोहन सक्सेना 02/12/202402/12/2024 मुक्तक उसे हम बोल क्या बोलें जो दिल को दर्द दे जायेसुकूं दे चैन दे दिल को , उसी को बोल Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 03/11/202403/11/2024 आजकल सपने सजाने लगा आजकल हूँमिलने मिलाने लगा आज कल हूँहुयी शख्शियत उनकी मुझ पर हाबीखुद को भुलाने लगा आजकल हूँ Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 17/10/202417/10/2024 ग़ज़ल वक़्त की साजिश नहीं तो और किया बोले इसेपलकों में सजे सपने ,जब गिरकर चूर हो जाये अक्सर रोशनी में Read More
गीतिका/ग़ज़ल *मदन मोहन सक्सेना 27/09/202427/09/2024 ग़ज़ल पाने को आतुर रहतें हैं खोने को तैयार नहीं हैजिम्मेदारी ने मुहँ मोड़ा ,सुबिधाओं की जीत हो रही. साझा करने Read More