आजकल
सपने सजाने लगा आजकल हूँमिलने मिलाने लगा आज कल हूँहुयी शख्शियत उनकी मुझ पर हाबीखुद को भुलाने लगा आजकल हूँ
Read Moreजुदा हो करके के तुमसे अब, तुम्हारी याद आती हैमेरे दिलबर तेरी सूरत ही मुझको रास आती है कहूं कैसे
Read Moreअपने अनुभबों, एहसासों ,बिचारों कोयथार्थ रूप मेंअभिब्यक्त करने के लिएजब जब मैनें लेखनी का कागज से स्पर्श कियाउस समय मुझे
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