ग़ज़ल
पाने को आतुर रहतें हैं खोने को तैयार नहीं हैजिम्मेदारी ने मुहँ मोड़ा ,सुबिधाओं की जीत हो रही. साझा करने
Read Moreजुदा हो करके के तुमसे अब, तुम्हारी याद आती हैमेरे दिलबर तेरी सूरत ही मुझको रास आती है कहूं कैसे
Read Moreअपने अनुभबों, एहसासों ,बिचारों कोयथार्थ रूप मेंअभिब्यक्त करने के लिएजब जब मैनें लेखनी का कागज से स्पर्श कियाउस समय मुझे
Read Moreऐसे कुछ अहसास होते हैं हर इंसान के जीवन में भले मुद्दत गुजर जाये , बे दिल के पास होते
Read Moreमेरे मालिक मेरे मौला ये क्या दुनिया बनाई है किसी के पास खाने को मगर बह खा नहीं पाये तेरी
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