“छंद वाचिक विमोहा”
छंद- वाचिक विमोहा (मापनीयुक्त मात्रिक) मापनी – 212 212 अथवा – गालगा गालगा पारंपरिक सूत्र – राजभा राजभा (अर्थात र
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Read Moreमित्रों शुभ दिवस, दिल खोल कर हँसें और निरोग रहें। “कुंडलिया” बदहजमी अच्छी नहीं, भर देती है गैस। कड़वी पत्ती
Read More“कुंडलिया” होता है दुख देखकर, क्योंकर बँधे परिंद। पिजड़े के आगोश में, करो प्यार मत बिंद।। करो प्यार मत बिंद,
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