“मुक्तक”
माँ जगत की अन्नदाता भूख को भर दीजिये। हों सभी के शिर सु-छाया संग यह वर दीजिये। उन्नति के पथ
Read Moreहार्दिक अभिनंदन आप बहनों का, बहुत बहुत बधाई, भूत भविष्य वर्तमान की परम शक्ति को सादर नमन नारी है नारायणी,
Read Moreरंग चढ़वा ल हो रंग चढ़वा ल, भौजी नथुनिया पे रंग चढ़वा ल……. सरसो फुलाइल चमैली फुलाइल फुलल रहरिया
Read Moreमधुमास बीतने लगा तो रेवती गर्मी की तपन को महसूस कर चिंतित रहने लगी। यह गौरैया भले ही किसी के
Read Moreहोली जोगिरा गीत उडी हवा हैं रंग भंग की छानो मेरे यार भौजी झाँके घर के बाहर पका रही अंचार……
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