कहानी *महातम मिश्र 06/12/2016 “रुबिया” रुबिया के आँखों में आंसू रुकने के नाम नहीं ले रहे थे। हबस-हबस कर रोये जा रही थी और आंसुओं Read More
मुक्तक/दोहा *महातम मिश्र 06/12/2016 “दोहा” आर पार की खेलते, शेष रही जो खेल लुक्का छिप्पी हो गयी, मन में पाके मैल॥ सौ सुनार की ठुकठुकी, Read More
गीतिका/ग़ज़ल *महातम मिश्र 06/12/201607/12/2016 “गीतिका” अंगुलियों में काजल आँख लगाना हो गया दर्पण के सामने से गुजरे जमाना हो गया सजती सँवरती रही बिंदिया चमकती Read More
मुक्तक/दोहा *महातम मिश्र 06/12/2016 “मुक्तक” ढ़ाई आखर प्रेम है, नारायण का धाम कारीगरी कुशल लिए, मंदिर मन घनश्याम स्वामीनारायण प्रभों, महिमा अधिक विशाल जयकारा लगता Read More
मुक्तक/दोहा *महातम मिश्र 06/12/2016 “दोहा मुक्तक” शब्द — जीभ, रसना ,जिह्वा ,वाणी, जुबान रसना रस की पारखी, घेरे रहते दाँत बिगड़ी जीभ भली नहीं, चोटिल होते Read More
मुक्तक/दोहा *महातम मिश्र 06/12/2016 “दोहा” आर पार की खेलते, शेष रही जो खेल लुक्का छिप्पी हो गई, मन में लाये मैल॥ सौ सुनार की ठुकठुकी, Read More
कविता *महातम मिश्र 28/11/2016 “आदमी” आदमी हँस रहा है, आदमी डंस रहा है आदमी गा रहा है, आदमी खा रहा है जा रहा है आदमी, Read More
मुक्तक/दोहा *महातम मिश्र 28/11/2016 दोहा मन में ऐसी लालसा, मिलना हो हर रोज समय नहीं मिलता सखे, ए टी एम की खोज।। होने देती है Read More
गीतिका/ग़ज़ल *महातम मिश्र 28/11/2016 “गीतिका” कुछ तो बात है आप के आशियाने में चल गुबार आए एक ही शामियाने में गुमशुम सी हवा निकली जैसे Read More
गीतिका/ग़ज़ल *महातम मिश्र 28/11/2016 “गीतिका” आइए इनसे मिलिए कुछ विरासत की बात करते हैं आज इनके लिए भी कुछ वक्त अपना बर्बाद करते हैं हम Read More