Author: डॉ. महेन्द्रकुमार जैन ‘मनुज

इतिहास

अरसीकेरे कर्नाटक का भव्य प्राचीन सहस्रकूट मंदिर

कर्नाटक का अरसीकेरे एक प्रमुख जैन केंद्र था। कहा जाता है कि यहाँ होयसलाओं के दौरान कई जैन मंदिर थे।

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इतिहास

नैनागिरि शिल्पकला में आभरण

नैनागिरि शिल्पकला में देवी-देवताओं व परिकर के पात्रों को बहुत सूक्ष्मता और उत्कृष्टता से आभरणों से अलंकृत किया गया है।

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इतिहास

क्या मध्यप्रदेश में मिला है करोड़ों वर्ष प्राचीन हाथी का जीवाश्म ?

मध्यप्रदेश के सागर और छतरपुर जिलों की विभाजन रेखा के समीप नैनागिरि के जंगल में सेमरा पठार नदी में एक

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

मकान में वास्तु अनुसार पूजा घर कहाँ और कैसा हो ? 

मकान में पूजा घर होना बहुत आवष्यक होता है। जिस घर में पूजा घर नहीं है वह तीन स्तंभ के

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आदिनाथ ने मानव को जीना सिखाया

विविध प्राचीन ग्रन्थों विशेषकर प्राकृत आगम ग्रन्थों के अनुसार कर्मयुग के पूर्व मानव प्रकृति के रहस्यों से अपरिचित था। उससे

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इतिहास

गुरु गोविंद सिंह को समर्पित की थी पण्डित टोडरमल जैन ने विश्व की सबसे महंगी जमीन

विश्व की सबसे महंगी जमीन सरहिंद फतेहगढ़ साहिब पंजाब में है। इस स्थान पर गुरु गोबिन्द सिंह जी के दोनों

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

क्या है उलटी प्रतिमा का रहस्य ?

मांगी तुंगी जी दिगम्बर जैन सिद्ध क्षेत्र दक्षिण भारत में जैनों का सबसे मुख्य पवित्र सिद्ध क्षेत्र है। नासिक (महाराष्ट्र)

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

राजकुमार पार्श्वनाथ और तीर्थंकर पार्श्वनाथ

जैन धर्म की मुख्य दो धाराएँ हैं- एक दिगम्बर जैन और दूसरे श्वेताम्बर जैन। दिगम्बर, दिग्-अम्बर-दिगम्बर। दिशाएँ ही जिनकी अम्बर-

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इतिहास

उपट्टा लगने से मिली थी अजितनाथ की प्राचीन प्रतिमा 

मध्यप्रदेश के सागर जिला मुख्यालय से ४० कि. मी. दूर राष्ट्रीय राजमार्ग ८६ पर स्थित दलपतपुर से १३ कि.मी. की

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

नैनागिरि में तीर्थंकर पार्श्वनाथ का समवसरण

यह बहुत महत्वपूर्ण व गौरव की बात है कि पूरे बुन्देलखण्ड में एक ऐसा भी तीर्थ है जहाँ किसी तीर्थंकर

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