कैसी जीवन रीत
अपना मतलब परम है,बाकी सब बेकार,जो दूजों की सोचता ,हरदम खाता मार। —बेइमानी के युग में,करो न सच की बात,जो
Read Moreअपना मतलब परम है,बाकी सब बेकार,जो दूजों की सोचता ,हरदम खाता मार। —बेइमानी के युग में,करो न सच की बात,जो
Read Moreगर्मी के दिन गाते आए,छुट्टी की सौगातें लाए। खेलकूद मस्ती मौजों के ,सुखद दिवस औ रातें लाए। खूब पढ़ो किस्से
Read Moreसपने देखो खुशियों वाले ,जिनमे ना हो दुख के ताले। अन्धकार को दूर भगा के ,लाओ मस्ती भरे उजाले। मेले
Read Moreसुना रही है जिंदगी,पतझर वाले गीत,अब बहार सूझे नहीं,इस गर्मी में मीत। गरमी से बेहाल हैं ,नर नारी आबाल,उनको झटपट
Read Moreहोली के रंग में रंगा ,खुश हो शहर तमाम,खुशियाँ झूमीं हर तरफ,नाच उठे गुलफाम,नाच उठे गुलफाम,ढोल बज उठे सुहाने ,
Read Moreबोलो झूठ कभी नहीं ,ऐसा मत दो ज्ञान झूठ बोलते जो सदा ,वो पाते सम्मान वो पाते सम्मान ,झूठ को सदा भुनातेसच
Read Moreखुशियां ले के आया साल ,चीकू मीठी हुए निहाल। मीठा सबने खाया खूब ,देखो भैया भर भर थाल। आया जाड़ा
Read Moreजीवन के हर जंग को ,लड़ता सीना तान,हार न माने जो कभी,अलग वही इंसान । —इम्तिहान लेती रही ,जीवन की
Read Moreछुई मुई सी फुलझड़ी ,जब करती है शोर,हो जाते हैं फुस्स तब ,ये बम आदमखोर। शोख फुलझड़ी कर गई ,रंगों
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