Author: महेश तिवारी

सामाजिक

लेख– वर्तमान सिनेमा का बदलता ट्रेंड

साहित्य समाज का दर्पण होता है। फिल्में हमारे समाज के बीते हुए कल और वर्तमान से रूबरू कराती है। आज

Read More
राजनीति

लोकतंत्र के प्रहरियों को तोड़ना होगा, परम्परागत राजनीति की रवायत

लोकतांत्रिक व्यवस्था को विस्तार और परिभाषित करने की आज की व्यवस्था में कोई आवश्यकता नहीं हैं। अगर लोकतंत्र सात दशक

Read More
राजनीति

देश के किसान और छात्र विकास की यात्रा में कहाँ ?

जीवन की मूलभूत नैसर्गिक जरूरतों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोटी, कपड़ा और मकान होता है। जिसमें शिक्षा और कृषि का दायरा

Read More
सामाजिक

शिक्षा में सुधार को लेकर सरकारों की सुषुप्त अवस्था ठीक नहीं

          सरकारी स्कूलों की दयनीय स्थिति जगज़ाहिर है। लेकिन इन स्कूलों में व्यापक स्तर पर सुधार

Read More