कहानी – खूबसूरत
उम्र के हिसाब से उसका बचपन छूटा जा रहा था.. आइना उसका अच्छा दोस्त बनता जा रहा था… खुद को
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Read Moreयौवन काल तरुण या तरुणी परम मित्र छोड़े मित्र बिखरता जीवन गहरा घाव मिलते मित्र दिल की बाते सब
Read Moreबोलते नैन मन की अनकही खुलते राज़ समझे नैन शरम बेशरम सक्षम खूब बरसे नैन फिर हुई बेचैन माँ
Read Moreमनीष मिश्रा “मणि ” समय यादों में गुजारा कुछ और सागर में बहती धारा कुछ और सुख भी जिया दुख
Read Moreमनीष मिश्रा “मणि” विषय — मन तन में मन सफल प्रयोजन ईश्वर कृति जिंदगी नैया आदि से अंत तक मन
Read Moreदेखकर आँखों में उसकी सीमाओं मे बंधा छलकने को आतुर सैलाब सम पूछा लिया मैनें जाने अनजाने वजह उन हालात
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