कविता : उफ़क़ पर
जब कभी तुम्हे कुछ पल मिले, अपने गैर जरूरी लम्हों से… उस पल, जब तुम भी खोये हो… मेरे
Read Moreजब कभी तुम्हे कुछ पल मिले, अपने गैर जरूरी लम्हों से… उस पल, जब तुम भी खोये हो… मेरे
Read Moreकरो न इंतज़ार ,आज अमावस की रात, अपने चाँद का…… आज वह नही उतरेगा,ले संग अपने चाँदनी को फलक में
Read Moreआज बिन मौसम की जिद्दी बारिश,बरसी है मेरे आँगन में ……… भिगो गयी सब कुछ…अंदर -बाहर..कुछ न बचा, अब सूखा
Read More# uri attack # कोयले की मंदम आँच पर,रोटी सेंकती मेरी निरक्षर माँ, जब सुनाती थी किस्सा किसी अनदेखे जवान
Read Moreकुछ तो इंतज़ार किया होता तुमने, गिरती,बरसती बूँदों को पत्थरों पर,रोकने से पहले……. बेघर ही कर डाला,इन सूखी , तपती
Read Moreसलमा…. जी हाँ, यही नाम था,उसका ।जब पैदा हुई होगी, तो अम्मी और अब्बू ने बड़े अरमानों से उसे यह
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