ग़ज़ल
आँगनो मे घूमती फिरती मचलती हैं तितलियाँ छीन ली सारी खुशी वो अब न हैं अठखेलियाँ रंग सतरंगी बिखेरे आसमानी
Read Moreशब्द भाव ,अनुभाव ,विभाव ,संचारी भाव हैंशत्रुता का माध्यम और प्रेम का आगार हैंशब्द यदि मौन हो जाए तो मृत्युशब्द
Read Moreप्रकृति का अनुभव राजगीर की पहाडियाँकुछ ऊँची कुछ नीचीछवि शाली तरूपुष्प पल्लव सेसमलंक्रतशुशोभित हो मेरे मानस को कर रहेहैं झंकृतवर्षा
Read Moreज़िंदगी के फलसफ़े को आजमाना चाहियेसुख मिले या दुख हमें बस मुस्कराना चाहिये हर तरफ़ खुशियाँ बरसती हों कहाँ तक
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