बेटियाँ
बेटियाँ खो रही मधुरिम सरसती बोलियाँ | अश्क आँखों में सिसकती बेटियाँ | दर्द सहती उफ न करती ये सदा
Read Moreमिस्टर शर्मा और कमल कांत बचपन के साथी तो थे ही आज भी सुख दुख के साथी हैं | दोनो
Read Moreगुरु सत चित आनंद है , अविचल और अपार | संशय मिट जाते सभी , हो भव सागर पार ||
Read Moreमन आशा की मूरत जिसका आज निराशा छाई कैसे | दिल में इतना प्यार संजोए फ़िर ये नफ़रत पाई कैसे
Read Moreउमड़ता – घुमड़ता जहन में है प्रश्न आतंक के जहर से , विशाक्त होता जन-जीवन , जुनून ; सब कुछ
Read Moreपुलकित है प्यासा मन नाच उठा अंतर मन बरसे यह सावन घन उमड़ घुमड़ बरसे|| मेघों से याचक बन देखो
Read More(१) प्रकृति के क्षरण से तड़पती है धरती | नयन नीर सूखा सिसकती है धरती | न वन हैं घनेरे
Read Moreरंग – बिरंगे सुंदर कोमल , लहराते बलखाते फूल | बाग – बगीचे की शोभा को हरदम खूब बढाते फूल
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