बाल कविता – चन्दा मामा
चंदा मामा रूप तुम्हारा मुझे लुभाया करता है | घटना- बढना निश दिन तेरा मुझ में अचरज भरता है |
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Read Moreकुछ महीनों से छवि और निलय आर्थिक तंगी के बुरे दौर से गुजर रहे थे. हर तरफ़ अंधेरा ही अंधेरा
Read Moreमधु सूदन मुरली धर मोहन , बृज को काहे बिसराय दियो | मन प्राण निकाल चले मथुरा , यह देह
Read Moreनफरते बोना यहाँ सस्ता हुआ | प्रेम उपजाना बहुत महंगा हुआ | हर तरफ काँटो की बो डाली फसल और
Read Moreअम्मा ओ अम्मा हमका भी स्कूल जाना है ,हमका स्कूल काहे नाहिं भेजती | मुन्नी कमली का कन्धा जोर-जोर से
Read Moreआज स्वप्न में पिता का दर्शन पा कर दिवस मानो खिल सा गया | पूरा दिन उनकी मधुर समृतियों में
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