Author: *मनमोहन कुमार आर्य

स्वास्थ्य

शरीर को सदा स्वस्थ तथा बलवान् बनाने के अचूक उपाय

आचार्य भद्रसेन जी, अजमेर (1900-1975) वैदिक साहित्य तथा येाग के उच्च कोटि के विद्वान एवं प्रचारक थे। आपने अनेक पुस्तकें

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

होली एक धार्मिक अनुष्ठान एवं आमोद-प्रमोद का पर्व है

आर्यावर्त उत्सवों एवं पर्वों का देश है। पर्व का अपना महत्व होता है। होली भी दीपावली, दशहरा, श्रावणी आदि पर्वों

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

यमों व नियमों के पालन से ही आत्मा की उन्नति सम्भव है

मनुष्य शरीर में आत्मा का सर्वोपरि महत्व है। शरीर को आत्मा का रथ कहा जाता है और यह है भी

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वैदिक जीवन और यौगिक जीवन परस्पर पर्याय हैं

ईश्वर, जीव और प्रकृति नित्य, अनादि व अनुत्पन्न सत्तायें हैं। विगत अनादि काल से जीवात्मा अपने कर्मानुसार जन्म लेता व

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धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

आर्यसमाज की स्थापना वैदिकधर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए हुई थी

संसार में अनेक मत-मतान्तर एवं संस्थायें हैं जो अतीत में भिन्न-भिन्न लोगों द्वारा स्थापित की गई हैं व अब की

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इतिहास

कल्याण मार्ग के पथिक योद्धा ऋषिभक्त स्वामी श्रद्धानन्द

स्वामी श्रद्धानन्द ऋषि दयानन्द के शिष्यों में एक प्रमुख शिष्य हैं जिनका जीवन एवं कार्य सभी आर्यजनों व देशवासियों के

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इतिहास

स्वामी श्रद्धानन्द जी का आर्यसमाज के इतिहास में गौरवपूर्ण स्थान

महाभारत युद्ध के बाद विद्वानों की भारी क्षति तथा राजकीय अव्यवस्था के कारण धर्म एवं संस्कृति की उन्नति रुक गई

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