Author: *मनमोहन कुमार आर्य

धर्म-संस्कृति-अध्यात्मपर्यावरणसामाजिक

देश की सुख-समृद्धि एवं सुरक्षा के लिये गोवध पर पूर्ण प्रतिबन्ध अनिवार्य है

ओ३म् मनुष्य तथा पशु-पक्षी आदि सभी प्राणियों की उत्पत्ति अपने पूर्वजन्मों के कर्मों का सुख व दुःख रूपी फल भोगने

Read More
राजनीति

सभी वस्तुओं का देश में उत्पादन ही आत्मनिर्भरता व देशोन्नति का मूल है

भारत विश्व का सबसे प्राचीन राष्ट्र है। भारत ने ही सृष्टि के आरम्भ से विश्व के लोगों को भाषा एवं

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

तामसिक भोजन व मांसाहार करने वाला मनुष्य ईश्वर को प्राप्त नहीं कर सकता

ओ३म् हम और हमारा यह संसार परमात्मा के बनाये हुए हैं। संसार में जितने भी प्राणी हैं वह सब भी

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

धार्मिक एवं सामाजिक साहित्य में सत्यार्थप्रकाश का अग्रणीय स्थान

ओ३म् संसार में धर्म व नैतिकता विषयक अनेक ग्रन्थ हैं जिनका अपना-अपना महत्व है। इन सब ग्रन्थों की रचना व

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर-वेद-देश भक्त, आदर्श महापुरुष तथा विश्व के सच्चे हितैषी ऋषि दयानन्द

ओ३म् परमात्मा की सृष्टि में अनेक अनादि, नित्य व शाश्वत् आत्मायें जन्म लेती हैं। अधिकांश ऐसी होती हैं जो जन्म

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

मनुष्य को सत्य धर्म का अनुसंधान कर उसी का पालन करना चाहिये

ओ३म् हमें मनुष्य का जन्म क्यों प्राप्त हुआ है? इसके पीछे कौन सी अदृश्य सत्ता व शक्ति है जिसने निश्चित

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

वेद और आर्यसमाज देश व समाज की प्रमुख सम्पत्ति व शक्ति हैं

ओ३म् आर्यसमाज का अस्तित्व वेद पर आधारित है। वेद ईश्वरीय ज्ञान और सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है। वेद ज्ञान

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

देश देशान्तर में वेदों के व्यापक प्रचार से ही वेद-रक्षा संभव है

ओ३म् संसार में मनुष्य के लिये सबसे महत्वपूर्ण एवं उपयोगी वस्तु सद्ज्ञान है।  सद्ज्ञान का पुस्तक केवल वेद ही है।

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

धर्म की रक्षा, पालन व पोषण करना सभी सत्पुरुषों का कर्तव्य है

ओ३म् धर्म क्या है इसका ज्ञान देश देशान्तर के सभी मनुष्यों को नहीं है। अधिकांश लोग मत विशेष को ही

Read More
धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

ईश्वर से प्रतिदिन स्वस्थ जीवन एवं दीर्घायु की प्रार्थना करनी चाहिये

ओ३म् मनुष्य अपने जीवन में सुख चाहता है। सुख का आधार हमारा स्वास्थ्य होता है। सुख की यदि परिभाषा पर

Read More