हमें संसार के स्वामी ईश्वर की वेदाज्ञाओं का पालन करना चाहिये
ओ३म् हम परमात्मा के बनाये हुए इस संसार में रहते हैं। इस संसार के सूर्य, चन्द्र, पृथिवी सहित पृथिवी के
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Read Moreओ३म् वैदिक धर्म के आधार ग्रन्थ वेदों में प्राचीन व सृष्टि के आरम्भ काल से जन्मना जाति का उल्लेख कहीं
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द के आगमन से पूर्व विश्व में लोगों को वेदों तथा ईश्वर सहित आत्मा एवं प्रकृति के सत्यस्वरूप
Read Moreओ३म् ऋषि दयानन्द (1825-1883) ने अपना जीवन ईश्वर के सत्यस्वरूप तथा मृत्यु पर विजय प्राप्ति के उपायों की खोज में
Read Moreओ३म् मनुष्य जब संसार में आता हैं और उसकी आंखे खुलती हैं तो वह अपने सामने सूर्य के प्रकाश, सृष्टि
Read Moreओ३म् हम जानते हैं कि सभी मनुष्यों एवं चेतन प्राणियों के शरीरों मेंएक चेतन आत्मा की सत्ता भी निवास करती
Read Moreओ३म् मनुष्य प्रायः अपने माता, पिता, आचार्यों तथा सगे सम्बन्धियों को ही अपना मानते हैं। ईश्वर के विषय में मनुष्यों
Read Moreओ३म् मनुष्य एक मननशील प्राणी है। इसका आत्मा ज्ञान व कर्म करने की शक्ति से युक्त होता है। मनुष्य को
Read Moreओ३म् परमात्मा ने इस सृष्टि को जीवात्माओं के सुख आदि भोग व अपवर्ग के लिए बनाया है। सृष्टि को बनाकर
Read Moreओ३म् बहुत से मनुष्य ईश्वर को मानते हैं, उसमें श्रद्धा व आस्था भी रखते हैं परन्तु ईश्वर के सत्य स्वरूप
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