खामोशी
सुख को पीछे छोड़ दुख में चलता जा रहा हूं पहुंचना कहीं नहीं खोता जा रहा हूं सब मिलता कुछ
Read Moreमुक्त नहीं है मन का कोई वातावरण।। नाता से नाता हरण…! वेदनाओं का शूल और छाती की धड़कन । अभी
Read Moreअब मुझे किसी का होना नहीं है बचे हुए जिंदगी को खोना नहीं है -2 ना किसी को अपना बनाना
Read Moreभारत भीतर ही है बहुत सारे ऐसे, पर्वतराज, हिमालय, पहाड़, श्रृंखला । नैतिकता ही है भारतीयों का, अनेकता में एकता
Read Moreहोली के दिन इस सब लोग , यहां रंगों से रंगीन मिलते हैं । वरना दूसरे दिन जिंदगी की ,
Read Moreमुश्किल भरी जिंदगी में अशुद्धियां । संघर्षरत का दुनिया में विसंगतियां ।। सरताज है अभिजय का जुनून । जो महा
Read Moreमैं शिव सूत्र शिवानी हूँ । अर्ध रात्रि की ख़ामोश नीलिमा की तरह .., मुझे भी अपनी आगोश में लेकर..,
Read Moreनव वर्ष आया नवग्रह नवरात्रि पार करके । फूल खिला नव प्रभात शुभ रात्रि पार करके ।। नव वर्ष आया
Read Moreआंखों के भीतर आंसुओं के मूल ढूंढ रहा हूं…! अनजान में किया हुआ वो भूल ढूंढ रहा हूं…!! खिलने के
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