कविता
अब सेना को तय करना है कब कैसे बदला लेना हैपहलगाम में हुए दिवंगत पर्यटकों की आत्मा की शांति को
Read Moreहम हो गए हैं नाटक के किरदार की तरहपढ़ते हैं लोग हमको भी अखबार की तरह बजती नहीं है तालियां
Read Moreनभ मंडल सूर्य सितारों का स्थान बदलने वाला हैजाने ऐसा क्यों लगता है हिंदुस्तान बदलने वाला है उठते हैं सार्थक
Read Moreगीत गजल दोहे चौपाई भटक रहे हैं मन मरुस्थल मेंकिस से पीर बताई जाए यह भी गायब वह भी गायबमंच
Read Moreधनिया हरी टमाटर लालसिल पर पिस कर करे कमाल संग प्याज के गरम पकोड़ेमिर्च कर रही खूब धमाल मौसम की
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