लखनऊ के नाम एक ग़ज़ल
जाने हो कब मयस्सर दीदार लखनऊ का इकरार लखनऊ का, इसरार लखनऊ का एहसास उनको क्या हो शाम ए अवध की जन्नत
Read Moreजाने हो कब मयस्सर दीदार लखनऊ का इकरार लखनऊ का, इसरार लखनऊ का एहसास उनको क्या हो शाम ए अवध की जन्नत
Read Moreसुबह से शाम तक सब पर बड़े एहसान करती है हमेशा अपने मायके का स्वयं गुणगान करती है बड़ी अच्छी
Read Moreअब तक तो गूंजा था मोदी मोदी हिंदुस्तान में और छा रहा है यह नारा देखो पाकिस्तान में लगा रहे
Read Moreआशा और निराशा दोनों पलड़े एक तराज़ू के और तुला का ऊपर नीचे होना नियम कहाता है सुख दुख तो
Read Moreअगर घुटाले नही किये तो संसद का सम्मान करो चलने दो निर्बाध इसे मत कोई भी व्यवधान करो अब तक
Read Moreमोदी जी के यही शिकार, कालाधन और भ्रष्टाचार सारा देश साथ में यार, जल्दी पकड़ो रंगे सियार बेईमान की
Read Moreबड़ी बधाई ट्रम्प को मार लिया मैदान अमरीका के साथ है पूरा हिंदुस्तान पूरा हिंदुस्तान किए हैं जो भी वादे
Read Moreकाले धन पर कर दिया मोदी जी ने वार सर्जिकल स्ट्राइक है समझो बड़ा प्रहार समझो बड़ा प्रहार बंद जो
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