ग़ज़ल : आग सीने में बहुत थी
आग सीने में बहुत थी हम तरल होते रहे इन थपेड़ो से समय के बस विरल होते रहे चोट
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Read Moreपैलेट गन पर रोक लगी तो सैनिक मारे जाएंगे और देश के यह नेता उनके दोषी कहलाएंगे लेते हैं जो
Read Moreखाली दोनों हाथ हैं ना गुटली ना आम सिद्धू पाजी को मिला वाजिब एक इनाम वाजिब एक इनाम आप का
Read Moreकैराना और कांधला दोनों एक समान खतरे में दिखती जहां एक वर्ग की जान एक वर्ग की जान पलायन करने
Read Moreअब भी विस्थापित कश्मीरी पंडित कैसी लाचारी है मोदीजी राजनाथ देखे क्या कैराना की बारी है क्यों शासन चुप है
Read Moreयूँ लगा निकला नया दिनमान है स्वच्छ भारत का शुरू अभियान है तय है होगी ये सदी इस देश की
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