मुक्तक
धर्म सब सहज रहें न राग द्वेष चाहिये राम राज सा सुखद हमें स्वदेश चाहिये प्रतिबन्ध गौकशी पे हो शराब
Read Moreपगला गये सु शासन बाबू बातें करते हैं बेमानी भूल गए हैं सन सैतालिस क्रूर भेडियो की मनमानी लाखो काटे
Read Moreबजट से पहले– आम बजट हो खास बजट हो राहत का अहसास बजट हो खाना मिले पेट भऱ सबको छत
Read Moreजिन राष्ट्र विरोधी तत्वों को इस भारत भू से प्यार नही आतंकी हैं ये सब के सब हैं सबसे बड़े
Read Moreहमने तो अपने नगमो में दिल का सहज बयान लिखा कभी लिखी बेबस की पीड़ा और कभी तूफ़ान लिखा जात
Read Moreसास-ससुर हैं बूढा-बूढी, प्यारे प्यारे MOM -DAD हैं जबसे मैं आ गई वहाँ से दोनों लगते SAD-SAD हैं जब तक
Read Moreआईना खुद नहीं देखते न सारा जहान दिखता है भारत माता के बेटों में हिन्दू तालिबान दिखता है शर्म
Read Moreपैकेज से नाखुश दिखे लालू और नितीश पर बिहार का आमजन झुका रहा है शीश झुका रहा है शीश प्रगति
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