गजल
जिस्म की चोट से तो आंख सजल होती हैरूह जब गम से कराहे तो ग़ज़ल होती हैबहुत उम्दा हो गजल
Read Moreत्रेता की पावन स्मृति की जग को बोध कराने वालीरावण वध के बाद राम की जय गाथा दुहराने वाली जन
Read Moreपूछता हूँ मैं स्वयं से क्यों अनमना है मनकैसे हावी हो गया हम पर ये अकेला पनखो गए जाने कहां
Read Moreकैसा होता व्यक्तित्व सहज दुनिया को दिखा गए टाटा जीअपने आदर्शों पर चलकर प्रतिमान बन गए टाटा जी स्मृतियां को
Read Moreईश्वर का उपहार प्रकृति को नदिया की धारा कल कल हूंहां मैं जल हूं हां मैं जल हूं जब से
Read Moreसामर्थ्य चुनौती देता है नित नए गीत का सृजन करोसंसार हमे सिखलाता है उगते सूरज को नमन करोनन्हा सा दिया
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