ग़ज़ल
हम यादों के खजाने से ही रिश्ता जोड़ लेते हैंअगर दोराहे पर अटके तो रिश्ता तोड़ लेते हैं समझना चाहते
Read Moreदेखो कैसा युग आया हैसचमुच ही कलयुग आया हैभारत में भारत की नारी नेदुनिया में नाम डुबाया है डायन चुड़ैल
Read Moreकहने को कलमकार कई लोग मिले हैंपर गजब के अय्यार कई लोग मिले हैं चूना लगाने में बहुत शातिर है
Read Moreआता हुआ बुढ़ापा दिखता और लाचारी देख रहा हूं सबकी आनी है यह पारी और दुश्वारी देख रहा हूं एक
Read Moreघात करो प्रतिघात करो तुमखुलकर शह और मात करोमानवता का खुला प्रश्न बसअस्पताल पर हमला क्यों? हार रहे हैं जूझ
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