मुक्तक
सिल जीवन है मौत है बट्टा हम सब प्राणी ही दाने हैंनियति सभी को पीस रही है शाश्वत सत्य सभी
Read Moreखुद बखुद आसान सारे मरहले हो जायेंगेतेरी हिम्मत से हज़ारों सिलसिले हो जायेंगे दोस्तों मंजिल की दूरी से न घबराना
Read Moreसकल विश्व में गूंज रहा यही तराना मोदी कासर्वोपरि है राष्ट्र हमारा यही फसाना मोदी काहर मुद्दे पर सच्चाई सुन
Read Moreबनकर नदिया की धार प्रबल आंखों से हो गया झट ओझलहम खुद से करते हैं सवाल जाने वह बचपन कहां
Read Moreदेखो कैसा युग आया हैसचमुच ही कलयुग आया हैभारत में भारत की नारी नेदुनिया में नाम डुबाया है डायन चुड़ैल
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