मुक्तक
तीर्थ स्थल में या मंदिर मेंजो अश्लीलता दिखाएगा वह असभ्य अपने कर्मों का तुरत वहीं फल पाएगा संस्कार मर्यादा भूले
Read Moreतोड रहे सब मर्यादाएं बिगड़े बोल सियासत के देखो क्या क्या रंग दिखाए बिगड़े बोल सियासत की सबसे ऊपर राष्ट्र
Read Moreमैं अगम अनाम अगोचर हूँ ये सृष्टि मेरी ही परछाई मैं काल पुरुष मैं युग द्रष्टा मानव की करता अगुआई
Read Moreहिन्दू चिंतन दर्शन क्या हैं मैं बोध कराने आया हूँ गौरव शाली अपने अतीत की याद दिलानें आया हूँ मैं
Read Moreइस पुण्य पर्व में वैमनस्यता कटुता का होता है विनाश हर मानव के हृदयागन में मानवता करती मुक्त हास इस
Read Moreभारत की जनता को अपना इतिहास पढ़ाया नहीं गया सम्राट अशोक औ चंद्र गुप्त थे कौन बताया नहीं गया बस
Read More