अब उदासियों का मंज़र है
रातों को हमें नींद अब आती ही कहां है।नजरों में समाकर दिल में उतर गया कोई। पनघट भी है उदास
Read Moreरातों को हमें नींद अब आती ही कहां है।नजरों में समाकर दिल में उतर गया कोई। पनघट भी है उदास
Read Moreसरकार इस तरह से तो अब हमको रुसवा न करो, मुहब्बत खेल नहीं है, तुम कोई तमाशा न करो, ज़माने
Read Moreतुम जो बिछड़े तो मैं बिखर जाऊंगा । तन्हा , बताओं कैसे मैं सहर पाऊंगा । बातें बन जाती बिगड़ी भी बनाएं
Read Moreदहशते दर्दे कोरोना हर तरफ़ दिखाई देता है , जज़्बा – ए – मोहब्बत भी दिलों में दिखाई देता है
Read Moreविश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ड्रग ऐसे रासायनिक पदार्थ को कहते हैं जो जीवित प्राणी की कार्य प्रणाली को परिवर्तित
Read Moreनींद तो बस मेरी , ख़्वाब तुम्हारा क्यों है। मेरी फिक्र नहीं , ख़याल तुम्हारा क्यों है। वक़्त के साथ
Read Moreउस माहजबी से कभी मिला था, मुझे याद नही। देखकर वो भी मुस्कुराया था, मुझे याद नहीं । सुरमई आंखों से मैने
Read Moreकांटों के बीच रहकर भी,किस तरह ख़ुश मिज़ाज़ हो,बारहा सवाल यही फ़ूलों से,मैं बस पूछता रहा,बाद जाने के तेरे जो
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