ख़िज़ां ख़िज़ां सी है ज़िंदगी
ख़ुश्क़ पत्तों की तरह हो गया है हाल हमारा।कैसे बिखरे हुए हैं पूछो ना कभी हाल हमारा।कभी आओ बैठो भी
Read Moreख़ुश्क़ पत्तों की तरह हो गया है हाल हमारा।कैसे बिखरे हुए हैं पूछो ना कभी हाल हमारा।कभी आओ बैठो भी
Read Moreसमस्त मानव समाजको मानवता का पाठ पढ़ाने वाला ये माह, मज़हबे इस्लाम में रमजान के नाम से जाना जाता है
Read Moreप्यारा महीना फ़ागुन का सुंदर और सलोना है। सबके हृदय में आनंद और उल्लास जगाता है। धन-धान्य से परिपूर्ण,मन उद्वेलित हो जाता
Read Moreहोली के लोक गीत गूंजते , सुनलो सुनलो मधुर मधुर , मकरंद की आवाज़, आया वसंत फिर झूम झूम के
Read Moreतुम्हारी ज़ुल्फ़ों की हंसी शाम किस तरह भुलुं। पहली नज़र ही आपकी उफ़ मैं किस तरह भुलुं। शौक था के
Read Moreयोगा एक पुराना फन है , हुनर है, वादिए शिंद की (सभ्यता) तहजीब की तलाश में एक खुदाई के दौरान
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