इन बूंदों को पकड़ कर रो लूँ,
जी चाहता है कि तेरी यादों से, मैं भी आज,लिपट कर रो लु , दामन तेरा मुक़्क़दर में नहीं ,
Read Moreजी चाहता है कि तेरी यादों से, मैं भी आज,लिपट कर रो लु , दामन तेरा मुक़्क़दर में नहीं ,
Read Moreयाद आती है तो फिर , हर बात रुला देती है, वो रात चांद तारों की, वो रात रुला देती
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