बाल कविता – आई दिवाली आई दिवाली
आई दिवाली आई दिवाली। झड़ी ख़ुशी की लाई दिवाली।। पिंकी बिट्टू ध्यान ज़रा दो, बबली चिंटू मान ज़रा लो। बम
Read Moreआई दिवाली आई दिवाली। झड़ी ख़ुशी की लाई दिवाली।। पिंकी बिट्टू ध्यान ज़रा दो, बबली चिंटू मान ज़रा लो। बम
Read Moreशाम चाय पर आये थे, पर मैंने नही बुलाये थे। लम्हे कुछ भीगे भीगे से, सपने कुछ रीते रीते
Read Moreपहले पत्थर हुआ होगा… पहले पत्थर हुआ होगा, फिर तराशा गया होगा। उसी के बाद लोगों ने खुदा जैसा कहा
Read Moreबालकथा प्लास्टिक का दानव बबलू, मुन्नू, राजू, टिंकू, बबली, पिंकी, पप्पू, बंटू और बंटी सभी घर के पास मैदान में
Read Moreग़ज़ल दूजों को कब हम रोते हैं। अपने अपने गम होते हैं।। साथ मेरे होता नही वो तो, दर्द भरे
Read Moreग़ज़ल पल पल कही आँखों ने तो बातें हज़ार थीं।। तू लफ्ज़ लफ्ज़ उतरा मै लफ़्ज़ों के पार थी।। मेरी
Read Moreग़ज़ल कैसे कैसे वक्त के मंज़र देख रहा हूँ।। आँगन आँगन उठा बवंडर देख रहा हूँ।। इल्म की खातिर भेजे
Read Moreइस दर्द को निभाना सीखो। करता है जो ज़माना सीखो।। बहाने ढूंढने से न मिले तो, बिन बात मुस्कुराना सीखो।
Read Moreआंधियां आएँगी थम कर हमेशा तो नही होता। मुझसे खुश मेरा मुकद्दर हमेशा तो नही होता।। दो बोल ज़िन्दगी मीठे
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