जश्न-ए-मसर्रत
जश्न-ए-मसर्रत औ’ आँखों में नमी है। तेरी कमी आखिर तेरी ही कमी है।। मुस्कुराहट है लेकिन ज़रा फीकी। इतना होना
Read Moreजश्न-ए-मसर्रत औ’ आँखों में नमी है। तेरी कमी आखिर तेरी ही कमी है।। मुस्कुराहट है लेकिन ज़रा फीकी। इतना होना
Read Moreज़मीं मेरी थी, मेरा आसमान थी यारों। रब का एहसान थी मेरा गुमान थी यारों।। सांझ की आरती सी खुशनुमां
Read Moreझूठा सही, सुकून-ए-दिल पाने के लिए हो। कोई तो कर वादा जो निभाने के लिए हो।। हर बार की तरह
Read Moreमन्नतों की ज़मी और चाहतों की बरसातें।। कुछ इस बरस यूँ हुई राहतों की बरसातें। बाद मुद्दत के खड़की सांकल,
Read Moreसजल नयन न … कहा तो तुमसे था मैंने, कि सजल नयन न होने दूँगी। पर साथी, इतना बतलाओ व्याकुलता
Read Moreसोचता क्या है, देखता क्या है । तय तो कर ले कि खो गया क्या है।। जो भी हो जब
Read Moreदर्द अब हद से गुजरता जा रहा है।। ज़ख्म भी रूह में उतरता जा रहा है।। सामने बैठा था तब
Read Moreनींद से बोझिल तर आंखों में। सपना कोई धर आंखों में।। उसे ठिकाना मिला न कोई। आ बैठा हँसकर आंखों
Read Moreपागल हो क्या ? एकतरफा प्रेम ज्यादा नहीं टिकता। धर्म, जाति क्या तुम्हें कुछ भी नहीं दिखता? पाँव रोक लो
Read Moreमरहम लिए बैठा रहा संग दाग पर देता रहा। धुँआ था नापसन्द, आग शब सहर देता रहा।। हर ओर खुशबुओं
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