मुनासिब है नहीं
बेवजह मिलना मुनासिब है नही। संग संग चलना मुनासिब है नहीं।। दोस्ती का दौर वो कुछ और था, अब
Read Moreबेवजह मिलना मुनासिब है नही। संग संग चलना मुनासिब है नहीं।। दोस्ती का दौर वो कुछ और था, अब
Read Moreअपने जीवन को दिशा खुद दे कि अधिकारी है तू। गर्व से कहना सृजक है जननी है नारी है तू।।
Read Moreफैसला कर ज़रा करने में वक्त लगता है। कश्ती पानी में उतरने में वक्त लगता है।। ज़ख्म इतने लिए महफ़िल
Read Moreएक दिन आग लगी जंगल में, भगदड़ मच गई यारों। कोई यहाँ कोई वहाँ था भागा, आफत आ गई प्यारों।
Read Moreरात भर पहियों पे सरपट भागती है ज़िन्दगी। अगली सुबह दिन चढे फिर जागती है ज़िन्दगी।। दर्द की एक रात
Read Moreजितनी तू है उतना कोई हमारा नहीं लगता। सच है ज़िन्दगी तुझसा कोई प्यारा नहीं लगता।। देखे हैं बहुत दर्द
Read Moreकंठ तक भरा हुआ यूँ प्यार बदलियों में है। क्यों न इतराये भला जब चाँद सुर्ख़ियों में है। एक बार
Read Moreदेखिये हिम्मत क्या से क्या ख्वाब कर गए। एक मामूली पँछी के पर सुर्खाब कर गए।। एक लंबी उम्र काटने
Read Moreमुश्किलों से पार पाए जा रहे हो। दुश्मनों का दिल जलाए जा रहे हो।। दिल में तुम मातम तबाही का
Read Moreपता था तुझको जाना निश्चित, दिशा अपरिचित तिथि अनिश्चित, फिर भी तूने महल बनाए, भर भर कमरे स्वप्न सजाए, बरसों
Read More