वो सड़क का मोड़
वो सड़क का मोड़ आज भी उदास तन्हा शांत बेबस है मन के जैसे जहां से तुम गये थे होकर
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Read Moreये बात तो हमने अक्सर सुनी ही है “चिराग तले अंधेरा” और “चढ़ते सूरज को सभी सलाम करते हैं”। शायद
Read Moreरोज़ सुबह उठकर कोई अपने निजी काम पर निकलता, कोई खेतों पर, कोई कारखाने, कोई फैक्टरी, कोई ढाबे, कोई होटल,
Read More19 तारिक को जब ये ऐलान किया गया की 22 तारीख को जनता कर्फ्यू होगा जिसे समस्त जनता को हर
Read Moreजब भी दिल दुखा कह न पाये मन की बात शब्द बने मनमीत लो चल पड़ी कलम।। जब भी द्रवित
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