विनती
हे ईश्वर है विनती तुम से करो संहार दूषित सोच का जिस से फैलता फन पाप और पीड़ा का ।। हे ईश्वर है विनती तुम
Read Moreमाथे पर लाल बिंदी माँग में लाल सिंदूर तन पर रहती साड़ी मुख पर तेज वाणी में ओज डर का
Read Moreचंदू : माँ ज़ोरों की भूख लगी है कितनी देर लगेगी और ? बिंदिया : बस बेटा पांच मिनट आटा
Read Moreप्यार की दास्तां लिखूं तो महकती है कलम।। दर्द की कराहट लिखूं तो सिसकती है कलम।। सौन्दर्य की दिलकशी लिखूं
Read Moreबंद किताब से सूखे फूल से मंद – मंद ताकती हसरतें दिलों की कभी मजबूर कभी सिसकती कभी तड़पती
Read Moreए.टी.एम एक सुविधा जनक लौह मशीन जिस के द्वारा आप जब चाहें अपनी मनवांछित राशि किसी भी समय आसानी से
Read Moreसूखा पत्ता हूँ मैं डाल का कभी बेदर्दी से रौंदा जाता पैरों तले कभी धूल में मिलाती आती- जाती गाड़ियाँ
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