क्यों हम बडे़ हो गये
क्यों हम बडे़ हो गयेअपने बचपन की चंचलता कोन जाने हम कहाँ खो दिये।जब से बडे़ क्या हुए हमलगता है
Read Moreक्यों हम बडे़ हो गयेअपने बचपन की चंचलता कोन जाने हम कहाँ खो दिये।जब से बडे़ क्या हुए हमलगता है
Read Moreसब समय समय की बात हैकभी घनघोर काली रात हैतो, कभी बिन बादल बरसात है,सब समय समय की बात है।कभी
Read Moreहम हैं कामगार, अपने देश का सूत्रधार,परिश्रम ही हमारा कर्म, देश को उन्नत बनाना हमारा धर्म।हम है भारत माँ के
Read Moreबडा़ अभिमान थाअपने रंग रूप पर कभी बडा़ गुमान थामेरे चेहरे, नाक- नक्शे और सुंदर शरीर पे कभी बडा़ अभिमान
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