लघुकथा : सीधी-सच्ची बात
काँइं – काँइं करती हुई लँगड़ी कुतिया अपना टूटा पैर खींचती हुई बाहर चली गई | काकी ने बड़ी जोर
Read Moreकाँइं – काँइं करती हुई लँगड़ी कुतिया अपना टूटा पैर खींचती हुई बाहर चली गई | काकी ने बड़ी जोर
Read Moreकूड़ा करकट यहाँ-वहाँ मत फैलाओ कूड़ेदान में ही कूड़ा डाल के आओ आओ-आओ प्यारे-प्यारे बच्चों आओ एकसाथ मिलकर भारत स्वच्छ
Read Moreयुवा कवि मुकेश कुमार ऋषि वर्मा कृत काव्य-संग्रह “काव्य दीप” 31 कविताओं का संग्रह है। जिनका प्रकाशन रवीना प्रकाशन दिल्ली
Read Moreनिरन्तर चलना ही जिंदगी है, फिर चाहे जाड़ा हो, गर्मी हो, बरसात हो बस चलना ही है और मैं निरन्तर
Read Moreवो लोग और उनका अपनापन अब नहीं रहा पहले गाँव, गाँव था अब गाँव कम, मिनी शहर बन गया है
Read Moreनन्हीं सी प्यारी-प्यारी चिड़िया इतनी भारी सर्दी में बैठी मेरी छत की मुंडेर पर गुटुर-गुटुर… चीं-चीं, चूं-चूं करती है |
Read More“ देहाती काव्याभिनन्दन ” लघुकाव्य पुस्तिका है, जिसकी रचनाएं सीधे हृदयतल तक कम्पन करा दें | करीब सत्रह (17) रचनाकारों
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