ग़ज़ल
अब ज़रूरत ही नहीं और शनासाई की । शह्र में चर्चा है जब आपकी रानाई की ।।1 सिर्फ़ मतलब के
Read Moreआइनों को बुरा मत कहा कीजिये । आइने जो कहें वो सुना कीजिये ।।1 हर्फ़ उभरे हैं उल्फ़त के रुख़सार
Read Moreकैसे कह दें मुल्क में कितनी निखर आयी सियासत । क़ातिलों के साथ जब हमको नज़र आई सियासत ।। चाहतें
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